


सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर वर्ष नाग पंचमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा का विधान है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों के साथ-साथ भगवान शिव की आराधना करने से काल सर्प दोष में राहत मिल सकती है और जीवन में आने वाले संकट भी टल जाते हैं।
नाग पंचमी 2025 कब है?
इस बार पंचमी तिथि की शुरुआत 28 जुलाई 2025 को रात 11:24 बजे से होगी और इसका समापन 30 जुलाई को रात 12:46 बजे होगा। पंचमी की उदय तिथि को देखते हुए नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
सुबह 06:13 बजे से 08:49 बजे तक
क्या कहती हैं परंपराएं?
नाग पंचमी के दिन नागों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दिन खासतौर पर ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की कृपा से जीवन के भय, दोष और कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यह वह दिन भी है जब रसोई में तवे पर रोटी नहीं बनाई जाती और विशेष प्रकार की सतर्कताएं बरती जाती हैं।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
इस दिन सुई-धागे का इस्तेमाल करना वर्जित माना गया है।
तवे पर रोटी नहीं बनाई जाती।
धारदार वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची आदि का प्रयोग न करें।
खुदाई या ज़मीन से जुड़े कार्य न करें, ताकि भूमि के भीतर रहने वाले सांपों को हानि न पहुंचे।
नाग पंचमी के दिन का उद्देश्य यही होता है कि प्रकृति और जीवों के प्रति करुणा और आदर का भाव बना रहे।
नाग पंचमी पूजा के मंत्र
ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
ॐ नगपति नमः
ॐ व्याल नमः
ॐ अहि नमः
ॐ विषधर नमः
ॐ शैल नमः
ॐ भूधर नमः
ॐ सर्पाय नमः